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Original Stories By Author (40): The Committee

This is a collection of Original Creation by Nilesh Mishra

एक बार की बात है, आबकारी विभाग, कस्टम और पंचायती राज विभाग से रिटायर्ड तीन सरकारी महापुरुषों ने अपने जीवन भर की "परिश्रम" से कमाई गई पूंजी मिला के घर घर मे पानी सप्लाई करने के लिए एक कंपनी बनाई और लोन वगरह लेकर बकायदे सीईओ, मैनेजर, फील्ड आफिसर इत्यादि कर्मचारी रख कर काम शूरु कर दिया। अब इसे दूसरों पर भरोसा न होना समझा जाए या अपने ऊपर ज्यादा भरोसा होना, तीनों ने तय किया की कंपनी के सारे प्रमुख फैसले वो विशेष कमेटी बना कर करेंगे । बाद मे पता चला कि कौन से फैसले "प्रमुख" कि श्रेणी मे आते है ये तो decide ही नहीं हुआ था । लिहाजा बजट से लेकर टॉइलेट पेपर मंगाने तक की कमेटी बन गई और हर कमेटी मे भाई लोग हैड बन कर Veto पावर अपने पास रखने लगे। कई कई बार तो स्थिति यहाँ तक बनी की 5 रुपए का पेन खरीदने के लिए कमेटी की 2-3 मीटिंग करवाने मे ही कंपनी का 5-6 लाख रुपए खर्च हो गया । अब भाई कंपनी के मालिक कोई मीटिंग करेंगे तो होटल, चाय नाश्ता मे इतना तो लग ही जाता है। खैर कई बार मैनेजरो ने दबी आवाजों मे Decentralization of Powers के लिए महापुरुषों से कहा भी लेकिन एक दो का Appraisal खराब होता देख सबने चुप चाप टाइम काटने मे ही भलाई समझी। एक बार El-Nino की वजह से शहर मे पानी की किल्लत हुई। कंपनी की डिमांड बहुत बढ़ गई । मुनाफा बढ़ गया । Economics Times मे कमेटियों की महत्ता बताते हुए महानुभावों की गरीबी से संघर्ष वाली बायोग्राफी भी कॉपी पेस्ट हो गई । अचानक पता चला की अगर फला कंपनी से करार कर लिया जाए तो इस जरूरत के माहौल मे कंपनी सफलता के शिखर पर पहुँच जाएगी । फैसला तुरंत होना था लेकिन मियां लोगों ने मीटिंगों मे टेंडर और decision फ़ाइनल करने मे 2 साल लगा दिये । इस बीच फला कंपनी किसी और कंपनी के साथ सात फेरे लेकर शिखर पर पहुँच गई। तब तक El-Nino कमजोर पड़ गया और La-Nina आ गया । झमाझम बारिश से पानी की किल्लत दूर हो गई और भाई लोगो की कंपनी इतने घाटे मे गई की लोन न चुका पाने के कारण कंपनी बंद करने की नौबत आ गई । सारे कर्मचारी बेरोजगार हो गये। खैर माल्या भाई को अपना गुरु बताने वाले भाई लोगो का तो परमानेंट setup यूरोप अमेरिका मे था ही । अभी कल ही कोई खोजी पत्रकार किसी बड़े रेजोर्ट की viral vedio पे आधे घंटे का शो दिखा रहा था जिसमे भाई लोग कुछ आकर्षक युवा माड्लो से विवाह रचाते हुए दिखाये जा रहे थे ।

--नीलेश मिश्रा


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