This is a collection of Original Creation by Nilesh Mishra
कहानी 42:
जनधन योजना, DBT, डिजिटल इंडिया योजना, आधार इत्यादि नाना प्रकार की योजनायें जो एक जमाने मे तमाम भरतीय प्रतियोगी परीक्षाओ को उत्तीर्ण करने की कुंजी मानी जाती थी, के क्रियान्वयन के उचित समय के बाद भारत पूर्ण रूप से डिजिटल प्लेटफार्म पर आ गया और पूर्णतः पेपरलेस इकॉनमी बन गया। अब लोग सुलभ शौचालय में भी अंगूठा लगा के पेमेंट करते थे। खुले में शौच की पारंपरिक कला अब केवल इतिहास की पाठ्य पुस्तक में "आजादी के बाद के 70 साल" शीर्षक पाठ में रह गई थी क्योंकि एक ड्रोन कैमरा हमेशा यही देखने के लिए नियुक्त था और कुकृत्य करता पाए जाने पर देश के सबसे बड़े पेमेंट बैंक के खाते से fine auto deduct हो जाता था। लोग अब आधार के जरिये घर से वोट देते थे और जनहित सम्बन्धी मामलों में सबसे प्रधानमंत्री App के जरिये वोटिंग भी कराई जाती थी। ट्रैफिक, बैंक, पुलिस, विधायिका, कार्यपालिका, परिवहन आदि लगभग सभी क्षेत्रों में Automation या Complete Digitization हो चुका था। हालांकि न्यायपालिका अभी full डिजिटाइज़ नही हो पाया था क्योंकि बार कौंसिल इसके पक्ष में नही था। बहरहाल चुनाव 6 महीने बाद थे, विपक्ष लगभग हताश था। इसी बीच सूर्य की जानकारी जुटाने के लिए प्लाज्मा इंजन से संचालित अरुण मिशन छोड़ा जाना था । विपक्ष को सत्ताधारी पार्टी की छवि खराब करने का ये अच्छा मौका लगा और उसने इस मिशन को असफल करने की योजना बनाई। ज्यादा बजट नही था इसलिए Made in China EMP डिवाइस धीरे से फिट कर दी गई । मिशन लांच हुआ और 3 महीने में सूर्य के काफी करीब पहुंच गया और महत्वपूर्ण कार्य प्रारंभ करने वाला ही था कि कर्नाटक से किसी ने बटन दबा दिया, china का माल दगा दे गया, और इस खुराफात से भयंकर सोलर तूफान पैदा हो गया औऱ solar flair ने पृथ्वी के सारे Sattelites, संचार तंत्र, इलेक्ट्रॉनिक्स, ड्रोन्स और डिजिटल दुनिया को समाप्त कर दिया।
अब सरकार किसकी आएगी इसका तो पता नही लेकिन खुले में शौच जाने वाले बहुत खुश है और आजकल कहते हैं "और लेलो उड़ता तीर"।
-- नीलेश मिश्रा
अब सरकार किसकी आएगी इसका तो पता नही लेकिन खुले में शौच जाने वाले बहुत खुश है और आजकल कहते हैं "और लेलो उड़ता तीर"।
-- नीलेश मिश्रा
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