This is a collection of Original Creation by Nilesh Mishra
कहानी2:
तीन मित्र थे। तीनो मेधावी। 12 वी में 90%+।
तीनो ने चारबाग़ रेलवे स्टेशन पर इंजन को साक्षी मान के शर्त लगाई की आज से
15 साल बाद इसी जगह पे मिलेंगे और देखेंगे कि कौन कितना आगे बढ़ा।
पहला इंजिनीयरिंग किआ और अच्छी प्रतिष्ठित कम्पनी मे मोटी पगार पे अमेरिका में नौकरी पा गया।
दूसरा सरकारी नौकरी के लिए लग गया और खूब मेहनत करके भारत सरकार में अधिकारी बन गया।
तीसरे
ने पहले राजधानी के अति प्रतिष्ठीत विश्वविद्यालय से कला में स्नातक किआ
फिर उससे भी उच्च प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से परास्नातक करने लगा। इसी बीच
स्वतंत्र चिंतन करने वाले बुद्धिजीवियों से उसका परिचय हुआ और उसने
सर्वमान्य समझ के विपरीत एक दो विवादस्पद बयान दे डाले।
सुनने में आया है कि कल पहला इंजीनयर अमेरिका में नई सरकार की नई नीतियों
के कारण पलायन कर अपने देश में अभियंता की नौकरी हेतु उस दूसरे वाले सरकारी
अधिकारी को इंटरव्यू देकर आया है लेकिन फाइल अभी अप्रूवल के लिए उस तीसरे
बुद्धिजीवी मित्र के पास गई हुई है जो एक बुद्धिजीवी पार्टी के टिकट पे
सांसद बन के कैबिनेट मंत्री बन गया है।
नोट: कृपया इसे वर्तमान परिप्रेक्ष्य से न जोड़ के देखे।
Written in July 2017
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Nilesh Mishra
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