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Original Stories By Author (04): The Promotion

This is a collection of Original Creation by Nilesh Mishra

कहानी 4: 
तीन सरकारी बाबू थे क, ख और ग ।
क अपने साहब का बहुत बड़ा चेला था । एकदम कटप्पा माफिक । जो कहे झट से कर देता । साहब के घर का काम हो या बाहर का, शब्द मुख से निकले नहीं की वो कर देता था । पर आफिस के काम मे जरा सा भी मन नहीं लगता ।
ख अपने काम से काम रखता था और साहब को ज्यादा भाव नहीं देता था । काम से तो उसे इतना लगाव था की कहो तो 12 घंटे काम कर दे । लेकिन साहब से उसकी नहीं बनती थी , भाई स्वाभिमान बहुत था । हो भी क्यू न असाधारण प्रतिभा का धनी जो था । अपने काम मे पारंगत ।
ग एक साधारण कर्मचारी था। ठीक 10 बजे आता था और 6 बजे के बाद कभी ऑफिस मे नहीं देखा गया । साहब उसका नाम तो नहीं जानते थे लेकिन ऑफिस का ही होने के कारण शक्ल से जरूर पहचानते थे । दुआ सलाम हो भी जाती थी । काम वाम भी ठीक ठाक कर लेता था ।
खैर जब प्रमोशन की बारी आई तो 1 सीट थी प्रमोशन के लिए और इनही तीन बाबुओ मे से एक का प्रमोशन होना था । तो गेस कीजिये किसका हुआ होगा ? क, ख, या ग ??
उत्तर: जिसका सीनियरिटी लिस्ट में नाम सबसे ऊपर था। भाइयो सरकारी बाबुओ को प्रमोशन काम या सेवा से नही, सीनियोरिटी से मिलता है 

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Nilesh Mishra


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