This is a collection of Original Creation by Nilesh Mishra
कहानी 69 : Soft Ware
चन्कीपाण्डेपुरम नामक देश की रेलवे अपने पुराने DOS based
सॉफ्टवेयर से छुटकारा पाना चाहती थी क्योंकि उस देश मे लगभग हर दूसरा विभाग
अपने आपको टेक्निकली अपग्रेड कर रहा था। बड़ा साहब लोगो का मीटिंग हुआ। और
मंत्री जी के दामाद की कंस्ट्रक्शन कम्पनी 'लेके रहेंगे लिमिटेड' को नया
साफ्टवेयर बनाने का ठेका दे दिया गया। सौदा X करोड़ में 1 साल की समय सीमा
के लिए तय हुआ। इधर "लेके रहेंगे" ने "डूबे सॉफ्ट" नामक लोकल साफ्टवेयर
कम्पनी को कमीशन लेके यही काम करवाने के लिए hire किया। अब ये कम्पनी एक
जमाने मे दिवालिया घोषित होने की कगार पर पहुंची कम्पनी थी और ये प्रोजेक्ट
उसके लिए किसी संजीवनी बूटी से कम नही था । ऊपर से एक प्रोजेक्ट मैनेजर,
10 डेवलपर, 2 टेस्टर और 1 चपरासी की कुल संख्या वाली इस कम्पनी के लिए दी
गई timeline में प्रोजेक्ट finish करके चलते हुए हालात में देना बेहद
मुश्किल था। सो कम्पनी ने सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की गोला तकनीक का प्रयोग
करते हुए सॉफ्टवेयर का निर्माण शुरू किया। Requirement Gathering के नाम पर
रेलवे के चापलूसों से vedio कॉन्फ्रेंसिंग करा दी गई और डिज़ाइनिंग के नाम
पर बड़ा साहब का छोटा भतीजा जो Amity यूनिवर्सिटी का पक्का अय्याश था, से
झंडू बाम डिज़ाइन खरीदना दिखा दिया गया। इधर प्रोजेक्ट मैनेजर 3 बार resign
देने की धमकी दे चुका था क्योंकि उसे Onsite भेजने पर कम बजट दिखा के
स्लीपर का टिकट दिया जाता था । खैर जैसे तैसे 3 साल बाद 10X करोड़ रुपया
फूंकने के बाद सॉफ्टवेयर बन के तैयार हुआ और बिना टेस्टिंग किए implement
हो गया। स्टाफ की ट्रेनिंग के नाम पर रेलवे के थोड़ा स्मार्ट दिखने वाले
बन्दों को कम्पनी के 2 टेस्टर से ट्रेनिंग दिला के बाकियों को कागज में
Trained दिखा के मंत्री जी से फीता कटवा लिया गया। मंत्री जी के जाते ही
सॉफ्टवेयर "हे राम" बोलके गिर पड़ा। काउंटर्स पर पब्लिक की भीड़ भयावह रूप धर
कर शीशा विशा तोड़ने लगी। एक दो स्टाफ भी भीड़ के न्याय का शिकार हुये।
सॉफ्टवेयर कम्पनी को सूचित किया गया तो पता चला कोई Bug है जिसे दूर किया
जा रहा है। 5 महीने बाद 100-200 स्टाफ के hospitalize हो जाने के बाद
finally "Bug" दूर हुआ। कुछ समय सॉफ्टवेयर चला और फिर राम राम बोल गया। पता
चला एक Bug दूर करने के चक्कर मे दूसरा आ गया था। 15 महीने ऐसे ही Bug Bug
खेलने के बाद finally जब तक सॉफ्टवेयर बिना किसी परेशानी के आपरेशनल हुआ
तब तक 20% स्टाफ जॉब से resign कर चुके थे, 30% नाना प्रकार के मानसिक और
शारीरिक रोगो से ग्रसित हो चुके थे और 20% का रोज देर रात ऑफिस में देर तक
रुकने के कारण तलाक हो चुका था। सॉफ्टवेयर की लागत 25X पहुंच चुकी थी और
तभी नई सरकार का गठन हो गया और नए मंत्री जी ने पदभार सम्भाल लिया। सुना है
नए मंत्री जी भी सॉफ्टवेयर Upgrade कराना चाह रहे हैं और कल मीटिंग रखी गई
है।
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नीलेश मिश्रा
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