This is a collection of Original Creation by Nilesh Mishra
स्थान- सीबीआई का दफ्तर, दिन - छुट्टी का
"अरे कहाँ रह गया सक्सेना, सिंधु फ़ोन करो उसको" - साहब ने दरवाजे से अपने चैंबर में दाखिल होते ही अपने पीए से कहा।
"फ़ोन में बैलेंस नही है" - सिंधु ने दो टूक उत्तर दिया।"
"ये क्या बद्तमीजी है, फ़ोन का पैसा देती है सरकार तुम्हे" - साहब गरजे।
"देती होगी, लेकिन पिछले दो महीने का बिल आपके एकाउंट्स ब्रांच वालों ने अटका रखा है"- सिंधु ने मौके पर चौका लगाते हुए कहा।
"ज्यादा बकबक मत करो, जाओ एक फैक्स आया होगा , लेके आओ"
सिंधु फैक्स लेने जाता है, और साहब सक्सेना को फ़ोन करते हैं। 3 बार के बाद फ़ोन उठ जाता है।
साहब- "अरे कहाँ हो यार, तुमसे कहा था न timely आ जाना। कितनी देर में आ रहे हो"
सक्सेना की Wife (फ़ोन पर)- "तबियत खराब है उनकी, नही आ पाएंगे आज"
साहब (Irritated स्वर में) - "अरे ऐसे कैसे नही आएगा,.... "
साहब की बात पूरी भी नही हो पाती और फ़ोन पर नेपथ्य में "..अगर तुम आज चले गए तो टांगे तोड़ दूंगी तुम्हारी, तुम्हारे बॉस के पास कोई काम नही होगा, लेकिन तुम्हारे पास है.." की आवाज के साथ फोन कट जाता है।
सिंधु फैक्स लाता है।
"अरे यार ये क्या ये तो इतना हल्का है कि पढ़ने में ही नही आ रहा।"
सिन्धु- "स्टेशनरी ब्रांच वाले कहें है कि stock नही है।जब आएगा तब मिलेगा। प्रिंटर भी नही काम करेगा क्योंकि Cartridge भी नही मिली है 1 महीने से"
साहब (लाचारी में गुस्से से) - अबे यार... Search का Order पढ़ने में नही आ रहा। Search का letter मैं print नही कर सकता। कर्मचारी बीवी के साथ छुट्टी मना रहा , क्या BC है ये। अब क्या बॉर्डर पर जवान खुद बंदूक खरीद के लड़ाई करने जाएगा क्या।"
सिंधु- "अरे तो हमारे ऊपर काहें चिल्ला रहे साहब"
तभी 3 सब इंस्पेक्टर आ जाते हैं।
तीनो- "जय हिंद सर"
"आ गए? चलो जल्दी सर्च पर" - साहब
"ओके सर। सर सर्च वारंट रख लिए हैं न" - एक SI
"अरे अभी जल्दी चलो वरना वो वहां से चला जाएगा और सर्च होता रहेगा। हाथ से लिख लूंगा चलो जल्दी" - साहब ने निकलने का इशारा किया।
स्थान - जहाँ सर्च करना है।, समय शाम का।
बाहर 2 पुलिस वाले गार्ड कर रहे हैं, वो उन्हें टोकते हैं
पुलिस वाले- "अरे कौन हो कहाँ जा रहे हो"
"हम लोग CBI से हैं और सर्च करना है"
"वारंट है?" - पुलिस वाले
"अभी बना रहे हैं"
पुलिस वाले (आपस मे) - "अबे ये fradudiya लग रहे हैं, पकड़ लेते हैं इनको और ले चलते हैं थाने"
.....
.....
अगली सुबह अखबार की पहली खबर - केंद्र और राज्य के बीच में तनातनी।
--
नीलेश मिश्रा
कहानी 80: खबर
स्थान- सीबीआई का दफ्तर, दिन - छुट्टी का
"अरे कहाँ रह गया सक्सेना, सिंधु फ़ोन करो उसको" - साहब ने दरवाजे से अपने चैंबर में दाखिल होते ही अपने पीए से कहा।
"फ़ोन में बैलेंस नही है" - सिंधु ने दो टूक उत्तर दिया।"
"ये क्या बद्तमीजी है, फ़ोन का पैसा देती है सरकार तुम्हे" - साहब गरजे।
"देती होगी, लेकिन पिछले दो महीने का बिल आपके एकाउंट्स ब्रांच वालों ने अटका रखा है"- सिंधु ने मौके पर चौका लगाते हुए कहा।
"ज्यादा बकबक मत करो, जाओ एक फैक्स आया होगा , लेके आओ"
सिंधु फैक्स लेने जाता है, और साहब सक्सेना को फ़ोन करते हैं। 3 बार के बाद फ़ोन उठ जाता है।
साहब- "अरे कहाँ हो यार, तुमसे कहा था न timely आ जाना। कितनी देर में आ रहे हो"
सक्सेना की Wife (फ़ोन पर)- "तबियत खराब है उनकी, नही आ पाएंगे आज"
साहब (Irritated स्वर में) - "अरे ऐसे कैसे नही आएगा,.... "
साहब की बात पूरी भी नही हो पाती और फ़ोन पर नेपथ्य में "..अगर तुम आज चले गए तो टांगे तोड़ दूंगी तुम्हारी, तुम्हारे बॉस के पास कोई काम नही होगा, लेकिन तुम्हारे पास है.." की आवाज के साथ फोन कट जाता है।
सिंधु फैक्स लाता है।
"अरे यार ये क्या ये तो इतना हल्का है कि पढ़ने में ही नही आ रहा।"
सिन्धु- "स्टेशनरी ब्रांच वाले कहें है कि stock नही है।जब आएगा तब मिलेगा। प्रिंटर भी नही काम करेगा क्योंकि Cartridge भी नही मिली है 1 महीने से"
साहब (लाचारी में गुस्से से) - अबे यार... Search का Order पढ़ने में नही आ रहा। Search का letter मैं print नही कर सकता। कर्मचारी बीवी के साथ छुट्टी मना रहा , क्या BC है ये। अब क्या बॉर्डर पर जवान खुद बंदूक खरीद के लड़ाई करने जाएगा क्या।"
सिंधु- "अरे तो हमारे ऊपर काहें चिल्ला रहे साहब"
तभी 3 सब इंस्पेक्टर आ जाते हैं।
तीनो- "जय हिंद सर"
"आ गए? चलो जल्दी सर्च पर" - साहब
"ओके सर। सर सर्च वारंट रख लिए हैं न" - एक SI
"अरे अभी जल्दी चलो वरना वो वहां से चला जाएगा और सर्च होता रहेगा। हाथ से लिख लूंगा चलो जल्दी" - साहब ने निकलने का इशारा किया।
स्थान - जहाँ सर्च करना है।, समय शाम का।
बाहर 2 पुलिस वाले गार्ड कर रहे हैं, वो उन्हें टोकते हैं
पुलिस वाले- "अरे कौन हो कहाँ जा रहे हो"
"हम लोग CBI से हैं और सर्च करना है"
"वारंट है?" - पुलिस वाले
"अभी बना रहे हैं"
पुलिस वाले (आपस मे) - "अबे ये fradudiya लग रहे हैं, पकड़ लेते हैं इनको और ले चलते हैं थाने"
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अगली सुबह अखबार की पहली खबर - केंद्र और राज्य के बीच में तनातनी।
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नीलेश मिश्रा
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