This is a collection of Original Creation by Nilesh Mishra
Mr. India किसी जमाने मे काफी कम उम्र के Successful Startup Enterprenuer थे। पैसा नाम सब काफी कमाया लेकिन संतुष्टि नही मिली तो गर्लफ्रैंड की सलाह मान कर देश प्रेम और समाज सेवा की भावना से लबरेज होकर भारतभूमि के कुटिल राजनीतिक मैदान में कूदने का दृढ निश्चय कर लिया।
अब अन्ना हजारे का लोकपाल या राम मंदिर जैसा व्यापक मुद्दा तो था नही इसलिए राजनीति की दुनिया मे Startup करने के लिए Marketing की Penetration पध्दति अपनाई। फैसला लिया गया कि एक छोटे से अत्यंत पिछड़े इलाके को गोद लिया जाए और 3 साल के अंदर उसका कायाकल्प करके एक example set किया जाए कि Micro level पर अगर ये काम हो सकता है तो Macro level पर तो हाहाकार ही मचा देंगे। धर्म जाति का लेबल न लगे इसीलिए Mr. इंडिया नाम रख लिए। पिछड़ागंज नामक एक गांव को गोद लिया। खुद के पैसे खर्च करके गांव में 2 बेहतरीन आधुनिक शिक्षण पद्वति के स्कूल खुलवाए जहां Digital क्लासरूम की सुविधा मौजूद थी। 1 छोटे हॉस्पिटल की भी आधारशिला रख दी जहां फिलहाल प्राथमिक चिकित्सा दी जाने लगी और बाद में चुनाव जीतने के बाद इसको और आधुनिक रूप देने का Plan रखा गया। Community Center, Solar Panels का वितरण, Modern Bio Toilets और संयंत्र जिससे bio fuel और बायोखाद दोनों का उत्पादन हो सकता है इत्यादि नाना प्रकार की सुविधाओं से गांव को सुसज्जित कर दिया। इन क्रियाकलापो से गांव के लोगो को गांव में ही पैसे कमाने का अवसर भी प्राप्त होने लगा। 3 साल बाद चुनाव की बेला आई। अपने काम की वजह से आत्मविश्वास से लबरेज Mr. इंडिया ने गांव वालों को चुनाव जीतने के बाद और विकास के सपने दिखाए। मतदान सम्पन्न हुआ। और चुनाव नतीजा Mr. इंडिया के विपक्ष में खड़े दबंग कुमार के पक्ष में आया। Mr. इंडिया ने माथा पीट लिया। हार के कारण जानने को टीम बनाई और उस टीम ने अपनी रिपोर्ट में हार के निम्न कारण गिनाए:
1. गांव वालों को विकास में मजा नही आ रहा था क्योंकि विकास सबका हो रहा था, तो ऐंठ किसपे झाड़ते
2. Mr. इंडिया उनकी जात बिरादर का नही था
3. चुनाव से 2 दिन पहले Mr. इंडिया ने दारू और नोट नही बंटवाया था जो कि दबंग कुमार ने बंटवा दिया था।
सुना है Mr इंडिया आजकल संतुष्टि की तलाश में सीरिया चले गए हैं क्योंकि वहाँ विकास का ज्यादा स्कोप है।
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नीलेश मिश्रा
कहानी 86: Mr. India
Mr. India किसी जमाने मे काफी कम उम्र के Successful Startup Enterprenuer थे। पैसा नाम सब काफी कमाया लेकिन संतुष्टि नही मिली तो गर्लफ्रैंड की सलाह मान कर देश प्रेम और समाज सेवा की भावना से लबरेज होकर भारतभूमि के कुटिल राजनीतिक मैदान में कूदने का दृढ निश्चय कर लिया।
अब अन्ना हजारे का लोकपाल या राम मंदिर जैसा व्यापक मुद्दा तो था नही इसलिए राजनीति की दुनिया मे Startup करने के लिए Marketing की Penetration पध्दति अपनाई। फैसला लिया गया कि एक छोटे से अत्यंत पिछड़े इलाके को गोद लिया जाए और 3 साल के अंदर उसका कायाकल्प करके एक example set किया जाए कि Micro level पर अगर ये काम हो सकता है तो Macro level पर तो हाहाकार ही मचा देंगे। धर्म जाति का लेबल न लगे इसीलिए Mr. इंडिया नाम रख लिए। पिछड़ागंज नामक एक गांव को गोद लिया। खुद के पैसे खर्च करके गांव में 2 बेहतरीन आधुनिक शिक्षण पद्वति के स्कूल खुलवाए जहां Digital क्लासरूम की सुविधा मौजूद थी। 1 छोटे हॉस्पिटल की भी आधारशिला रख दी जहां फिलहाल प्राथमिक चिकित्सा दी जाने लगी और बाद में चुनाव जीतने के बाद इसको और आधुनिक रूप देने का Plan रखा गया। Community Center, Solar Panels का वितरण, Modern Bio Toilets और संयंत्र जिससे bio fuel और बायोखाद दोनों का उत्पादन हो सकता है इत्यादि नाना प्रकार की सुविधाओं से गांव को सुसज्जित कर दिया। इन क्रियाकलापो से गांव के लोगो को गांव में ही पैसे कमाने का अवसर भी प्राप्त होने लगा। 3 साल बाद चुनाव की बेला आई। अपने काम की वजह से आत्मविश्वास से लबरेज Mr. इंडिया ने गांव वालों को चुनाव जीतने के बाद और विकास के सपने दिखाए। मतदान सम्पन्न हुआ। और चुनाव नतीजा Mr. इंडिया के विपक्ष में खड़े दबंग कुमार के पक्ष में आया। Mr. इंडिया ने माथा पीट लिया। हार के कारण जानने को टीम बनाई और उस टीम ने अपनी रिपोर्ट में हार के निम्न कारण गिनाए:
1. गांव वालों को विकास में मजा नही आ रहा था क्योंकि विकास सबका हो रहा था, तो ऐंठ किसपे झाड़ते
2. Mr. इंडिया उनकी जात बिरादर का नही था
3. चुनाव से 2 दिन पहले Mr. इंडिया ने दारू और नोट नही बंटवाया था जो कि दबंग कुमार ने बंटवा दिया था।
सुना है Mr इंडिया आजकल संतुष्टि की तलाश में सीरिया चले गए हैं क्योंकि वहाँ विकास का ज्यादा स्कोप है।
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नीलेश मिश्रा
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