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The Reference Point: Original Content by #SarkaariAdmi

The Reference Point:
स्कूल के दिनों में हम लोगों का एक विषय हुआ करता था Co-Ordinate Systems। उसमें एक चैप्टर था Translation of Axes जिसमें भगवान जाने क्यों हमे यह सिखाया जाता था कि कैसे Origin Points को 0,0 से shift करके इधर उधर करो तो बाकी चीजों के Cordinate Points क्या होंगे, फलाने ढकाने इत्यादि। उस समय तो यही लगता था कि क्या BC है ये बे। अबे Reference Points को change करने, Axes Rotate करने की जरूरत ही क्या है, अच्छा खासा point अपनी location पर चुपचाप बैठा हुआ है तो काहें के लिए उंगली करना।
अब समझ में आता है। जब देखता हूँ कि सब अपने अपने view poit से दुनिया को देखते हैं और कोई दूसरे का view point समझना ही नही चाहता। लोग 5 साल को 70 साल से compare करते समय 70 साल पहले का View Point नही देखना चाहते, फिर चाहे वो बीफ खाने वाले और बीफ के लिए जान लेने वाले हों, पति पत्नी हों, बॉस एम्प्लोयी हों, अलग अलग राज्य-वर्ग के लोग हों या दो देश- किसी की भी दिलचस्पी अपने Origin Points को change करने या Axes rotate करने में नही है औऱ यही सारे विवादों का मूल है।
वो मैथ्स हमें उसी समय से सिखाना चाहती थी कि चीजों को अपने Origin Points को - अपने view points को एक अलग angle से भी देखने की कोशिश करो। पर क्या करें- मैथ्स कइयों का Unfavourite सब्जेक्ट है।
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सरकारी आदमी
(#SarkaariAdmi)


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