This is a collection of Original Creation by Nilesh Mishra
नागरिकता संशोधन कानून: छोटी छोटी मगर मोटी बातें -
1. कई बार प्रोडक्ट अच्छा होता है लेकिन ब्रांडिंग खराब होने की वजह से मामला गड़बड़ा जाता है ।
2. सही फैक्ट्स न बनाने वालों के पास हैं, न समर्थको के पास और न ही विरोधियों के, लेकिन संविधान के 4-5 अनुच्छेद बता के ज्ञान झाड़ने वाले आपको हर नुक्कड़ पर मिल जाएंगे ।
3. कोई भी कानून लागू होने से पूर्व जनता को विश्वास में लेना जरूरी है। वरना वे लोग जो कभी अपने ही पैसे निकालने के लिए शांति से लंबी लाइनों में लगे थे, वही अपना मामला न होने पर भी बस फूंकने से भी गुरेज नहीं करेंगे।
4. जब तक चालान कट नहीं जाता, तब तक आप 100-200 देकर बच सकते हैं, अगर चालान कट गया तो 2000 देने पड़ेंगे ही और दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ेंगे सो अलग। अवैध प्रवासियों को घुसने से रोकना फिर भी आसान है, घुसने के बाद वापस भेजना सिरदर्द है।
5. CAB तो अति लघु उत्तरीय प्रश्न का उत्तर है, विस्तृत उत्तरीय प्रश्न तो NRC है।
1. कई बार प्रोडक्ट अच्छा होता है लेकिन ब्रांडिंग खराब होने की वजह से मामला गड़बड़ा जाता है ।
2. सही फैक्ट्स न बनाने वालों के पास हैं, न समर्थको के पास और न ही विरोधियों के, लेकिन संविधान के 4-5 अनुच्छेद बता के ज्ञान झाड़ने वाले आपको हर नुक्कड़ पर मिल जाएंगे ।
3. कोई भी कानून लागू होने से पूर्व जनता को विश्वास में लेना जरूरी है। वरना वे लोग जो कभी अपने ही पैसे निकालने के लिए शांति से लंबी लाइनों में लगे थे, वही अपना मामला न होने पर भी बस फूंकने से भी गुरेज नहीं करेंगे।
4. जब तक चालान कट नहीं जाता, तब तक आप 100-200 देकर बच सकते हैं, अगर चालान कट गया तो 2000 देने पड़ेंगे ही और दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ेंगे सो अलग। अवैध प्रवासियों को घुसने से रोकना फिर भी आसान है, घुसने के बाद वापस भेजना सिरदर्द है।
5. CAB तो अति लघु उत्तरीय प्रश्न का उत्तर है, विस्तृत उत्तरीय प्रश्न तो NRC है।
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