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इंटरनेट बन्दी: Original Contents by #SarkaariAdmi

This is a collection of Original Creation by Nilesh Mishra

इंटरनेट बन्दी:कारण चाहे जो रहा हो, लेकिन 2 दिन की इंटरनेट बंदी के चक्कर में दिमाग को काफी आराम मिला। जैसे व्रत रहने के अगले दिन पेट हलका लगता है, कुछ वैसा ही आज दिमाग भी हल्का रहा। चूंकि नेट सबका ही बंद था तो आज दोस्तों को आमने सामने बात करने और ठहाके लगाने का भी मौका मिला। आज पापा के बात करने के दौरान बेटे की उंगलियां और आंखे मोबाइल की ओर नहीं दौड़ी तो उन्हें भी अच्छा लगा। हर मुसलमान में बांग्लादेशी और हर हिन्दू में भगवा देखने के लिए trained उन दिमागों को भी निष्पक्ष होकर मनन करने का मौका मिला जिनके दिमाग में इंटरनेट रोज एक नई खुराफात Insert करता जाता है। आज जब बिना वीडियो देखे रोटी सब्जी खाई तो एक अलग स्वाद मिला। छुट्टी के दिन Netflix पर वेब सीरीज देखने की बजाए परिवार के साथ पार्क घूम आया तो शरीर के साथ साथ मन को भी अच्छा लगा।
बचपन में पढ़ा था वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण के बारे में, इंटरनेट प्रदूषण के बारे में आज पता चला तो अच्छा लगा।
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सरकारी आदमी

23.12.2019

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