This is a collection of Original Creation by Nilesh Mishra
Incentive:
कभी लोग रेडियो पर कॉल लगा कर "आपकी फरमाइश" कार्यक्रम में अपना मनपसंद गाना सुनने के लिए रोज फोन पर लगे रहा करते थे। तब न मोबाइल फोन सुलभ थे न इंटरनेट। पीसीओ में अच्छा खासा पैसा लग जाता था भाईसाहब। फिर भी लोग ऐसा करते थे। गाना सुनना सिर्फ छद्म आवरण था, असल मुद्दा तो रेडियो पर अपना नाम सुनना हुआ करता था, "और इस गीत की फरमाइश की है ललितपुर से अर्पित गोस्वामी जी ने"- तब के जमाने में लोगों के लिए यही Incentive था जो उन्हें तमाम रुपए और समय गवांने के बाद भी इसके पीछे लगे रहने को प्रेरित किया करता था। हर मनुष्य के मन में यह लालसा जरूर होती है कि नात-बांत के अलावा भी उन्हें कोई जाने। अब तो सोशल मीडिया और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म लोगों को इस तरह के अगणित मौके दे रहे हैं। लेकिन Incentive का concept आज भी वही है, कहीं ज्यादा likes incentive है, कहीं ज्यादा followers, कहीं ज्यादा सब्सक्राइबर्स तो कहीं ज्यादा viewers। ये Incentive ही है जो लोगों को विवादित पोस्ट और Tik tok पर उलूल जुलूल वीडियो डालने को प्रेरित करता है, छात्र जीवन के राजनीति करण को प्रेरित करता है, कहीं घुस कर किसी को पीटने के लिए प्रेरित करता है, फर्जी सूचनाओं के प्रसारण और मीडिया हाउसों द्वारा आवश्यक घटनाओं को महत्त्व न देकर मसालेदार खबरों को लाइम लाइट में बनाए रखने के लिए भी यही Incentive प्रेरित करता है। बस अब तो यही प्रार्थना है कि इन Incentives के चक्कर में सभी Insensitive न बन जाएं।
कभी लोग रेडियो पर कॉल लगा कर "आपकी फरमाइश" कार्यक्रम में अपना मनपसंद गाना सुनने के लिए रोज फोन पर लगे रहा करते थे। तब न मोबाइल फोन सुलभ थे न इंटरनेट। पीसीओ में अच्छा खासा पैसा लग जाता था भाईसाहब। फिर भी लोग ऐसा करते थे। गाना सुनना सिर्फ छद्म आवरण था, असल मुद्दा तो रेडियो पर अपना नाम सुनना हुआ करता था, "और इस गीत की फरमाइश की है ललितपुर से अर्पित गोस्वामी जी ने"- तब के जमाने में लोगों के लिए यही Incentive था जो उन्हें तमाम रुपए और समय गवांने के बाद भी इसके पीछे लगे रहने को प्रेरित किया करता था। हर मनुष्य के मन में यह लालसा जरूर होती है कि नात-बांत के अलावा भी उन्हें कोई जाने। अब तो सोशल मीडिया और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म लोगों को इस तरह के अगणित मौके दे रहे हैं। लेकिन Incentive का concept आज भी वही है, कहीं ज्यादा likes incentive है, कहीं ज्यादा followers, कहीं ज्यादा सब्सक्राइबर्स तो कहीं ज्यादा viewers। ये Incentive ही है जो लोगों को विवादित पोस्ट और Tik tok पर उलूल जुलूल वीडियो डालने को प्रेरित करता है, छात्र जीवन के राजनीति करण को प्रेरित करता है, कहीं घुस कर किसी को पीटने के लिए प्रेरित करता है, फर्जी सूचनाओं के प्रसारण और मीडिया हाउसों द्वारा आवश्यक घटनाओं को महत्त्व न देकर मसालेदार खबरों को लाइम लाइट में बनाए रखने के लिए भी यही Incentive प्रेरित करता है। बस अब तो यही प्रार्थना है कि इन Incentives के चक्कर में सभी Insensitive न बन जाएं।
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