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लघु लेख- चापलूसी महात्म्य: Original Contents by #SarkaariAdmi

This is a collection of Original Creation by Nilesh Mishra

चापलूसी महात्म्य:
लोहे का ज्ञान मनुष्य को 3000 वर्ष पूर्व हुआ जबकि तांबे का ज्ञान 5000 वर्ष पूर्व। किन्तु इसके भी पहले से मनुष्य को एक चीज का ज्ञान था और वह था - तेल लगाना।
बचपन से सुनते आ रहें हैं कि कल पुर्जो में समय समय पर तेल ग्रीस लगाते रहना चाहिए वरना वो काम करना बन्द कर देंगे या ठीक से काम नहीं करेंगे। साईकिल की चैन में तेल ग्रीस लगाते ही साईकिल भन भन भागने लगती है। आप स्वयं सोच के देखिए रोटी और पराठे का अंतर - सिर्फ तेल का कमाल है।
इसी तरह नौकरी में भी तेल पानी लगाने का बड़ा महत्व है। ये स्वाभिमान वगैरह dy/dx की तरह हैं - केवल कुछ विशेष प्रोफेशन के लोगों को छोड़कर किसी के काम नहीं आते। इतिहास साक्षी है कि प्राचीन काल से ही बड़े बड़े राज कवियों ने राजा को तेल पानी लगाने की कला के कारण जीवन तो सुख से काटा ही, राजाओं के साथ खुद का नाम भी इतिहास में दर्ज करा गए। बड़े बड़े मैनेजमेंट कोर्स भी चापलूसी सिद्धांत के इर्द गिर्द खड़े हुए हैं। आपका बॉस अपने बॉस की चापलूसी करता है, सुपर बॉस नेता मंत्री को तेल लगाते हैं और नेता मंत्री जनता को। सब इस ससंजक बल से बंधे हैं। चापलूसी तन मन की शांति और धन तीनों प्रदान करता है। अतः आज से ही समस्त गर्व और स्वाभिमान को तिलांजलि दें और चापलूसी अपनाए।
अथ श्री सरकारी आदमी: चापलूसी महात्म्य समाप्तम।
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सरकारी आदमी
(#SarkaariAdmi)

19.01.2020


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