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लघु लेख- भीड़: Original Contents by #SarkaariAdmi

This is a collection of Original Creation by Nilesh Mishra

लघु लेख: भीड़
जब जनसंख्या नियंत्रण की बात हुई तो भीड़ बोली "अब सरकार बताएगी कि हम कितने बच्चे पैदा करेंगे"। भीड़ को पिछले कई सालों से "खुले में शौच क्यों न करें और सड़क पर क्यों न थूकें" सीखाना पड़ रहा है। ये भीड़ लड़कियों को छेड़ने वालों को इग्नोर मार देती है और किसी के कुछ खाने की खबर पर Mob Lynching कर देती है। इस भीड़ से कहा गया कि बाहर से आए हो तो 14 दिन घर पे रहो कहीं मत निकलो। भीड़ बोली - "अब तुम बाप को सिखाओगे"। भीड़ जब तब अमेरिका यूरोप के मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर से तुलना करने पे तुली रहती है जबकि खुद की साइज और हरकतों पर कभी बात नही करती। भीड़ को कहा गया कुछ दिन संयम से लॉकडाउन का पालन करो तो भीड़ पैदल ही चल दी घर को। भीड़ से कहा गया पार्टी समारोह से दूर रहो तो भीड़ बोली - "हम educated हैं, हमे पता है क्या करना है क्या नही।" भीड़ को कहीं जब मुफ्त राशन दिया गया तो वो उसे बेचने को इकठ्ठा करने लगती है। कुछ तो इसमें भी डुप्लीकेट UPI ID बनाकर लूटने का अवसर समझ बैठे हैं। अभी तो भीड़ इस से बड़ी बड़ी महामारियों का प्रकोप देखेगी। ये भीड़ अत्यंत गर्म मौसम, ऊसर जमीन, वृहद जल संकट और प्रायः आने वाले तूफानों का भी सामना करेगी। अभी इसे मुम्बई और केरल तटों को समुन्दर में समाते हुए भी देखना है।
लेकिन भीड़ को सिर्फ सरकार और प्रशासन की बुराई करनी है। खुद को कुछ भी नही करना है क्योंकि भीड़ कैसे गलत हो सकती है। जिनको भगवान के अस्तित्व पर शक है, उनको बता दूं भइया ई देश भगवान भरोसे ही चल रहा है।
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सरकारी आदमी

30.03.2020

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